बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' का जीवन परिचय दीजिए।
अथवा
अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का विवेचन कीजिए।
उत्तर -
द्विवेदी युग आधुनिक हिन्दी साहित्य का उत्थान व परिष्कार युग है। आधुनिक हिन्दी - साहित्य के इतिहास में अध्योध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' और मैथिलीशरण गुप्त ऐसे दो प्रखर तेजस्विता और ऐतिहासिक गरिमा से सम्पन्न नाम हैं जिनके साहित्य से निरसन की परिकल्पना हिन्दी -खड़ी बोली की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगाने के लिए पर्याप्त है। वर्तमान युग के प्रबन्ध कार्यों को लेकर विचार करने पर 'यह निश्चित होता है कि द्विवेदी युग के हरिऔध का 'प्रियप्रवास' व मैथिलीशरण गुप्त का 'साकेत' के बिना हिन्दी की आधुनिक कविता का इतिहास अधूरा है। जैसे भक्तिकाल में सूर और तुलसी का युग्म है। उसी प्रकार आधुनिक काल में 'हरिऔध' और मैथिलीशरण गुप्त एक-दूसरे के पर्याय हैं। मैथिलीशरण गुप्त जहाँ राष्ट्रीय और सांस्कृतिक गौरव को जीवन्त रूप में प्रस्तुत करते हैं वहीं हरिऔध जी उन्हीं राष्ट्रीय और सांस्कृतिक मूल्यों को प्राचीनता से जोड़कर परम्परावादी आलम्बनों में आधुनिक हिन्द काव्य मूल्यों की व्याख्या करते हैं।
जीवन-परिचय - पं. अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' की का जन्म सन् 1865 ई. को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के निजामाबाद तहसील में हुआ है। इनके पिता का नाम भोला सिंह उपाध्याय और माता का नाम रुक्मिणी देवी था, इनके पूर्वज शुक्लयजुर्वेदीसनाठ्यब्राह्मण थे जो बाद को सिख मतानुयायी हो गये थे। इनके निःसंतान चाचा पं. ब्रह्म सिंह उपाध्याय ने हरिऔध जी की आरम्भिक संस्कार अपनी वात्सल्य वर्षा के द्वारा बनाए। आरम्भ से ही इस प्रकार शिक्षा के प्रति हरिऔध जी के मन में विशेष अनुराग उत्पन्न हो गया। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा स्थानीय मिडिल स्कूल में हुई तथा बाद को अंग्रेजी के लिए काशी के क्वींस कॉलेज में इनका प्रवेश कराया गया। यहाँ इनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा फलस्वरूप इनका विद्याध्ययन बन्द हो गया, आगे घर पर ही इन्होंने अंग्रेजी, बंगला, फारसी, हिन्दी और संस्कृत आदि भाषाओं का ज्ञानार्जन किया तथा इनके साहित्य का गम्भीरता से अध्ययन किया। इन्होंने नार्मल परीक्षा को प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया। कुछ समय तक हरिऔध जी निजामाबाद के तहसीली स्कूल में अध्यापक पद पर कार्यरत रहे उसके बाद बीस वर्ष तक कानूनगो रजिस्ट्रार कानूनगो, सदरनायब कानूनगो जैसे सरकारी पदों पर रहकर सेनानिवृत्त हुए बाद में काशी हिन्दू - विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हो गए जहाँ से अवकाश ग्रहण करने के पश्चात् साहित्य सेवा में लग गए। सेवा निवृत्ति के छः वर्ष बाद 6 मार्च, 1947 को 82 वर्ष की अवस्था में इन्होंने अन्तिम साँस ली।
साहित्य व्यक्तित्व - अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्विवेदी युग के प्रतिनिधि कवि एवं गद्य लेखक थे। हरिऔध जी ब्रजभाषा में कविता करते थे। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की प्रेरणा से उन्होंने खड़ी बोली में काव्य रचना आरम्भ की। इसीलिए उन्होंने इसके पश्चात् खड़ी बोली में रचना की और हिन्दी - काव्य को अपनी प्रतिभा का अमूल्य योगदान दिया। हरिऔध की कविता को लोकहित और मानव कल्याण के प्रेरणीय-साधन के रूप में मानते थे से काव्य को ईश्वर-प्रदत्त अलौकिक वरदान समझकर काव्य-रचना करते थे। इसी कारण उनके काव्य में सर्व कल्याण की भावना विद्यमान थी। उनके काव्य में पौराणिक और आधुनिक समाज के ख्याति प्राप्त लोकनायक-नायिकों को प्रतिनिधि स्थान प्राप्त हुआ। भावुकता के साथ ही नैतिकता को प्रश्रय देने वाले हरिऔध ही की एक अन्य विशेषता काव्यात्मक विषयों की विविधता भी रही है। इसी कारण इनके काव्य में भक्तिकाल, रीतिकाल और आधुनिककाल के काव्य के उज्जवल पहलुओं का समावेश हुआ है।
हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा उनकी काव्य कृति 'प्रियप्रवास' पर 'मंगलाप्रसादपारितोषिक' दिया गया इसके अतिरिक्त उन्हें 'कवि-सम्राट' और 'साहित्य वाचस्पति जैसी उपाधियों से भी अलंकृत किया गया। हरिऔध जी की साहित्यिक सेवाओं को ऐतिहासिक महत्व है। वे हिन्दी साहित्य की एक महान विभूति के रूप में थे उनका काव्य अविस्मरणीय है।
कृतित्व - खड़ी बोली- काव्य स्थापना में हरिऔध जी का नाम अग्रगण्य है। हरिऔध जी की साहित्यिक रचनाएँ निम्न हैं-
काव्य ग्रन्थ-
(1) प्रियप्रवास - यह हिन्दी साहित्य का खड़ी बोली में लिखा गया प्रथम महाकाव्य है। यह विप्रलंभ शृंगार पर आधारित काव्यग्रन्थ है। इसके नायक कृष्ण तथा नायिका राधा है जो क्रमशः लोक सेवक व लोक सेविका के रूप में प्रस्तुत होते हैं।
(2) रस - कलाश इसमें हरिऔध जी की आरम्भिक स्फुट रचनाएँ संकलित हैं- ये रचनाएँ श्रृंगार प्रदान हैं तथा काव्य- सिद्धान्त-निरूपण के लिए लिखी गई हैं।
(3) वैदेही - वनवास - हरिऔध जी की यह प्रबन्ध रचना है। आकार की दृष्टि से यद्यपि यह ग्रन्थ छोटा नहीं है किन्तु इसमें 'प्रियप्रवास' जैसे काव्यत्व का अभाव है।
(4) चोखे चोपदे - चुभते चौपदे - हरिऔध जी की इन रचनाओं में खड़ी बोली पर आधारित मुहावरों का सुन्दर सौन्दर्य दर्शनीय है। इन मुहावरों में लौकिक जगत की झलक मिलती है।
(5) श्री कृष्णशतक,
(6) प्रेमाम्बुवारिधि
(7) प्रेमाम्बुप्रवाह
(8) प्रेमाम्बुप्रस्रवण,
(6) बोलचाल,
(10) प्रद्यम् प्रसून,
(11) पारिजात
जैसे फुटकल काव्यग्रन्थ हैं इनके अतिरिक्त उनका गद्य साहित्य इस प्रकार हैं-
(1) नाटक
(क) 'प्रद्युम्न-विजय',
(ख) 'रुक्मिणी-परिणय'।
(2) उपन्यास -
(क) प्रेमकान्ता'
(ख) 'अधखिला फूल'
(ग) ठेठ हिन्दी का ठाठ'
(घ) बेजिइन का बाँका (अनूदित)।
(3) सम्पादित ग्रन्थ
(क) कबीर वचनावली,
(ख) 'हिन्दी भाषा',
(ग) साहित्य का विकास।
(4) काव्यशास्त्रीय ग्रन्थ
(क) रसकलाश हैं।
हरिऔध जी ने अपने साहित्यिक ग्रन्थों में जाति-सेवा, देश सेवा, समाज-सेवा की भावनाओं का सांगोपांग निरूपण किया है। यह निश्चय ही द्विवेदी युग की महान विभूति पथे जिन्होंने खड़ी बोली में प्रियप्रवास' जैसा प्रथम महाकाव्य रचकर हिन्दी साहित्य में एक नई दिशा का सूत्रपात किया।
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- अध्याय - 1 चंदबरदाई : पृथ्वीराज रासो के रेवा तट समय के अंश
- प्रश्न- रासो की प्रमाणिकता पर विचार कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो महाकाव्य की भाषा पर अपना मत स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो को जातीय चेतना का महाकाव्य कहना कहाँ तक उचित है। तर्क संगत उत्तर दीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो के सत्ताइसवें सर्ग 'रेवा तट समय' का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- रासो शब्द की व्युत्पत्ति के सम्बन्ध में प्राप्त मतों का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो' में अभिव्यक्त इतिहास पक्ष की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विद्यापति भोग के कवि हैं? क्यों?
- अध्याय - 2 जगनिक : आल्हा खण्ड
- प्रश्न- जगनिक के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- जगनिक कृत 'आल्हाखण्ड' का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आल्हा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कवि जगनिक द्वारा आल्हा ऊदल की कथा सृजन का उद्देश्य वर्णित कीजिए। उत्तर -
- प्रश्न- 'आल्हा' की कथा का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कवि जगनिक का हिन्दी साहित्य में स्थान निर्धारित कीजिए।
- अध्याय - 3 गुरु गोविन्द सिंह
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह की रचनाओं पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह' की भाषा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिख धर्म में दशम ग्रन्थ का क्या महत्व है?
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह के पश्चात् सिख धर्म में किस परम्परा का प्रचलन हुआ?
- अध्याय - 4 भूषण
- प्रश्न- महाकवि भूषण का संक्षिप्त जीवन और साहित्यिक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भूषण ने किन काव्यों की रचना की?
- प्रश्न- भूषण की वीर भावना का स्वरूप क्या है?
- प्रश्न- वीर भावना कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- भूषण की युद्ध वीर भावना की उदाहरण सहित विवेचना कीजिए।
- अध्याय - 5 भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की शैलीगत विशेषताओं को निरूपित कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के काव्य की भाव-पक्षीय विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की भाषागत विशेषताओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु जी के काव्य की कला पक्षीय विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भीतर भीतर सब रस चूस पद की व्याख्या कीजिए।
- अध्याय - 6 अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
- प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' का जीवन परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' के काव्य की भाव एवं कला की भाव एवं कलापक्षीय विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्विवेदी युग के प्रतिनिधि कवि हैं।
- प्रश्न- हरिऔध जी का रचना संसार एवं रचना शिल्प पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रिय प्रवास की छन्द योजना पर विचार कीजिए।
- प्रश्न- 'जन्मभूमि' कविता में कवि हरिऔध जी का देश की भूमि के प्रति क्या भावना लक्षित होती है?
- अध्याय - 7 मैथिलीशरण गुप्त
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'गुप्त जी राष्ट्रीय कवि की अपेक्षा जातीय कवि अधिक हैं। उपर्युक्त कथन की युक्तिपूर्ण विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त जी के काव्य के कला-पक्ष की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त की कविता मातृभूमि का भाव व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त किस कवि के रूप में विख्यात हैं? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'मातृभूमि' कविता में मैथिलीशरण गुप्त ने क्या पिरोया है?
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त के प्रथम काव्य संग्रह का क्या नाम है? साकेत की कथावस्तु का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त ने आर्य शीर्षक कविता में क्या उल्लेख किया है?
- अध्याय - 8 जयशंकर प्रसाद
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए "प्रसाद का प्रकृति-चित्रण बड़ा सजीव एवं अनूठा है।'
- प्रश्न- महाकवि जयशंकर प्रसाद के काव्य में राष्ट्रीय चेतना का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- 'प्रसाद' के कलापक्ष का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- 'अरुण यह मधुमय देश हमारा' कविता का सारांश / सार/ कथ्य अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- प्रसाद जी द्वारा रचित राष्ट्रीय काव्यधारा से ओत-प्रोत 'प्रयाण गीत' का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- जयशंकर प्रसाद जी का हिन्दी साहित्य में स्थान निर्धारित कीजिए।
- प्रश्न- प्रसाद जी के काव्य में नवजागरण की मुख्य भूमिका रही है। तथ्यपूर्ण उत्तर दीजिए।
- अध्याय - 9 सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
- प्रश्न- 'सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' एक क्रान्तिकारी कवि थे।' इस दृष्टि से उनकी काव्यगत प्रवृत्तियों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 'निराला ओज और सौन्दर्य के कवि हैं। इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य-भाषा पर एक निबन्ध लिखिए। यथोचित उदाहरण भी दीजिए।
- प्रश्न- निराला के जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य में अभिव्यक्त वैयक्तिकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य में प्रकृति का किन-किन रूपों में चित्रण हुआ है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निराला के साहित्यिक जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- निराला की सांस्कृतिक चेतना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निराला की विद्रोहधर्मिता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- महाकवि निराला जी की 'भारती जय-विजय करे' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 10 माखनलाल चतुर्वेदी
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- "कवि माखनलाल चतुर्वेदी जी के काव्य में राष्ट्रीय चेतना लक्षित होती है।" इस कथन की सोदाहरण पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- 'माखनलाल जी' की साहित्यिक साधना पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी ने साहित्य रचना का महत्व किस प्रकार प्रकट किया?
- प्रश्न- साहित्य पत्रकारिता में माखन लाल चतुर्वेदी का क्या स्थान है
- प्रश्न- 'पुष्प की अभिलाषा' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित 'जवानी' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 11 सुभद्रा कुमारी चौहान
- प्रश्न- कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुभद्रा कुमारी चौहान किस कविता के माध्यम से क्रान्ति का स्मरण दिलाती हैं?
- प्रश्न- 'वीरों का कैसा हो वसंत' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- 'झाँसी की रानी' गीत का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 12 बालकृष्ण शर्मा नवीन
- प्रश्न- पं. बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी का जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी की राष्ट्रीय चेतना / भावना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'विप्लव गायन' गीत का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- नवीन जी के 'हिन्दुस्तान हमारा है' गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' स्वाधीनता के पुजारी हैं। इस कथन को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
- अध्याय - 13 रामधारी सिंह 'दिनकर'
- प्रश्न- दिनकर जी राष्ट्रीय चेतना और जनजागरण के कवि हैं। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- "दिनकर" के काव्य के भाव पक्ष को निरूपित कीजिए।
- प्रश्न- 'दिनकर' के काव्य के कला पक्ष का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- रामधारी सिंह दिनकर का संक्षिप्त जीवन-परिचय दीजिए।
- प्रश्न- दिनकर जी द्वारा विदेशों में किए गए भ्रमण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- दिनकर जी की काव्यधारा का क्रमिक विकास बताइए।
- प्रश्न- शहीद स्तवन (कलम आज उनकी जयबोल) का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- दिनकर जी की 'हिमालय' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 14 श्यामलाल गुप्त 'पार्षद'
- प्रश्न- कवि श्यामलाल गुप्त का जीवन परिचय एवं राष्ट्र चेतना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- झण्डा गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- पार्षद जी ने स्वाधीनता आन्दोलन में शामिल होने के कारण क्या-क्या कष्ट सहन किये।
- प्रश्न- श्यामलाल गुप्त पार्षद के हिन्दी साहित्य में योगदान के लिए क्या सम्मान मिला?
- अध्याय - 15 श्यामनारायण पाण्डेय
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डे के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डेय ने राष्ट्रीय चेतना का संचार किस प्रकार किया?
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डेय द्वारा रचित 'चेतक की वीरता' कविता का सार लिखिए।
- प्रश्न- 'राणा की तलवार' कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- अध्याय - 16 द्वारिकाप्रसाद माहेश्वरी
- प्रश्न- प्रसिद्ध बाल कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी का जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'उठो धरा के अमर सपूतों' का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- वीर तुम बढ़े चलो गीत का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 17 गोपालप्रसाद व्यास
- प्रश्न- कवि गोपालप्रसाद 'व्यास' का एक राष्ट्रीय कवि के रूप में परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि गोपाल प्रसाद व्यास किस भाषा के मर्मज्ञ माने जाते थे?
- प्रश्न- गोपाल प्रसाद व्यास द्वारा रचित खूनी हस्ताक्षर कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- "शहीदों में तू अपना नाम लिखा ले रे" कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- अध्याय - 18 सोहनलाल द्विवेदी
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी जी का जीवन और साहित्य क्या था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी के काव्य में समाहित राष्ट्रीय चेतना का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'मातृभूमि' कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- 'तुम्हें नमन' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी जी ने महात्मा गाँधी को अपने काव्य में क्या स्थान दिया है?
- प्रश्न- सोहनलाल द्विवेदी जी की रचनाएँ राष्ट्रीय जागरण का पर्याय हैं। स्पष्ट कीजिए।
- अध्याय - 19 अटल बिहारी वाजपेयी
- प्रश्न- कवि अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अटल बिहारी वाजपेयी के कवि रूप पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अटल जी का काव्य जन सापेक्ष है। सिद्ध कीजिए।
- प्रश्न- अटल जी की रचनाओं में भारतीयता का स्वर मुखरित हुआ है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कदम मिलाकर चलना होगा कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- उनकी याद करें कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 20 डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'
- प्रश्न- डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निशंक जी के साहित्य के विषय में अन्य विद्वानों के मतों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हम भारतवासी कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- मातृवन्दना कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 21 कवि प्रदीप
- प्रश्न- कवि प्रदीप के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- कवि प्रदीप की साहित्यिक अभिरुचि का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि प्रदीप किस विचारधारा के पक्षधर थे?
- प्रश्न- 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत का आधार क्या था?
- प्रश्न- गीतकार और गायक के रूप में कवि प्रदीप की लोकप्रियता कब हुई?
- प्रश्न- स्वतन्त्रता आन्दोलन में कवि प्रदीप की क्या भूमिका रही?
- अध्याय - 22 साहिर लुधियानवी
- प्रश्न- साहिर लुधियानवी का साहित्यिक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'यह देश है वीर जवानों का' गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- साहिर लुधियानवी के गीतों में किन सामाजिक समस्याओं को उठाया गया है?
- अध्याय - 23 प्रेम धवन
- प्रश्न- गीतकार प्रेम धवन के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- गीतकार प्रेम धवन के गीत देशभक्ति से ओतप्रोत हैं। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'छोड़ों कल की बातें' गीत किस फिल्म से लिया गया है? कवि ने इसमें क्या कहना चाहा है?
- प्रश्न- 'ऐ मेरे प्यारे वतन' गीत किस पृष्ठभूमि पर आधारित है?
- अध्याय - 24 कैफ़ी आज़मी
- प्रश्न- गीतकार कैफी आज़मी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- "सर हिमालय का हमने न झुकने दिया।" इस पंक्ति का क्या भाव है?
- प्रश्न- "कर चले हम फिदा जानोतन साथियों" गीत का प्रतिपाद्य / सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- सैनिक अपनी मातृभूमि के प्रति क्या भाव रखता है?
- अध्याय - 25 राजेन्द्र कृष्ण
- प्रश्न- गीतकार राजेन्द्र कृष्ण के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती हैं बसेरा' गीत का मूल भाव क्या है?
- अध्याय - 26 गुलशन बावरा
- प्रश्न- गीतकार गुलशन बावरा के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'मेरे देश की धरती सोना उगले गीत का प्रतिपाद्य लिखिए। '
- अध्याय - 27 इन्दीवर
- प्रश्न- गीतकार इन्दीवर के जीवन और फिल्मी कैरियर का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'है प्रीत जहाँ की रीत सदा' गीत का मुख्य भाव क्या है?
- प्रश्न- गीतकार इन्दीवर ने किन प्रमुख फिल्मों में गीत लिखे?
- अध्याय - 28 प्रसून जोशी
- प्रश्न- गीतकार प्रसून जोशी के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- 'देश रंगीला रंगीला' गीत में गीतकार प्रसून जोशी ने क्या चित्रण किया है?
- प्रश्न- 'देश रंगीला रंगीला' गीत में कवि ने इश्क का रंग कैसा बताया है?